साँझ पावनि
सामग्री
- लगजोरी
- मौनी
- कोनिया
- कोहा
- सरवा(2)
- साग-सब्जी (सात तरहक)
- कारी तील
- पान कय पात
- सुपारी
- गेरली
- दुईचुलिहां चूल्हा
- आम क पात
- खर
- रुईया
- चौर क आंटा
विधि
एक दिन पहिने कनिया नहा धोय कय अरवा भोजन करथिन.
साँझ खन भगवती ,महादेव ,ब्राह्मण ,हनुमान और गौरी कय गीत गावि, दुईब ,कांच हल्दी ,धनिया (कनी )मिला क गौर बनत,जकरा ढउरल सरवा पर एकटा सिक्का पर गौरी राखि पान क पात स झापि ,पान क पात क ऊपर सिंदूरक गद्दी राखि ललका कपडा स झापि भगवति लग राखि देवेइ I
तिला संक्रांति दिन
साँझ खन अंगना में पश्चिम दिस चौकोर तीन टा अरिपन जाही भीतर पांच टा * बनत
उत्तर दिश तीन टा गोल अरिपन परत जाही भीतर सेहो पांच टा * रहत
लगजोरी के चारी टा में से एक टा में चौरक आंटा में सिन्दूर मिलायल रहत ,दोसर में चौरक आंटा में कनी हरिद ,तेसर में सुपारी और गेरली रहत आ चारिम में बेलपत्र रहत .
सबटा अरिपन पर कनिया गेरली पर सुपारी राखी पूजा करथिन .
पश्चिम दिस में पीअर चौर स पूजा हेतई,जकर मंत्र ...
“संझे संझे महा संझे पहिल संझे ,
से संझे ककरा दी,जाय क दी
जाय अहियब ,हम सुहियब
नमस्ते ,नमस्ते .”
उत्तर दिस में लाल चौर स पूजा हेतई ,जकर मंत्र ...
“उत्तरैन छी ,दक्षिणेन छी
जी छी ,जान छी ,लक-थक थान छी
से थान ककरा दी,जाय क दी
जाय अहियब ,हम सुहियब
नमस्ते ,नमस्ते “
भगवती घर में आम के पात से बनायल थारी पर भात ओही ऊपर घी में भूजल सात तरहक साग सब्जी राखी के पांच टा खर पर रुई में घी लगा क भात पर गाङि देवईI
कोनिया में सात टा छोट छोट ढेरी रहतय (लवंग ,कारी तील,इलाइची ,सुपारी और सिन्दूर )
मौनी में सात तरहक साग सब्जी कांचे राखल रहत
दु चुलिहा में एक टा पर कोहा में चौर रहत आ दोसर पर मौनी रहत,जकरा कनिया उसगरति I
कनिया तीनू गौर पुजती आ सिंदूर के ढेरी केआँचर स झापने रहती ,भाई चांदी से सबटा ढेरी आ भात के कटथिंन .कनिया पांच टा अहिवाती के भात देथिन और वेह खा के रहती I
एकटा छोट प्रयास ,कुनु त्रुटि भेला स क्षमा करब I
एकटा छोट प्रयास ,कुनु त्रुटि भेला स क्षमा करब I
वाह बहुत सुंदर । सांझ पूजाक निस्तार के विधि सेहो बताओल जाय ।
ReplyDeleteJabardast bahut Sundar jai mithila
ReplyDeleteकियो गौरी पुजा मंत्र बताबूं ने
ReplyDeleteBahut sundar..
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